Skin care tips : लाल चकत्तों से डरें नहीं
अक्सर त्वचा पर लाल चकत्ते नजर आते हैं। चिकित्सक कहते हैं कि यह ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें घबराने की नहीं, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करने की जरूरत होती है।
कई बार वचा पर होने वाले हल्के दाने या फिर लाल रंग के धब्बों को हम नजर अंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हो सकता है कि यह सोरायसिस का शुरुआती लक्षण हो। इसके कई प्रकार है, लेकिन इनमें ब्लॉक सोरायसिस सबसे आम है। इसमें शरीर को प्रतिरोधक प्रणाली ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। यह लंबे समय तक भी रह सकती है। प्लाक सोरायसिस वैसे तो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन सामान्य तीर पर यह घुटने, कोहनी स्कैल्प हाथों के पंजों और पीठ के निचले हिस्से में होती है। त्वचा पर चक का रंग स्किन टोन पर निर्भर करता है। हल्की त्वचा पर ये गुलाबी रंग के होते हैं और गहरी त्वचा पर बैंगन और पीले प्लॉक सोरायसिस को समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए अगर आपको त्वचा में लाल रंग के धब्बे नजर आएं तो घबराएं नहीं, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करें।
लाल चकत्तों से डरें नहीं
लक्षणों की पहचान : त्वचा में सूजन आ सकती है और लाल त्वचा के धब्बे सिल्वर, बोले स्कैल्प से ढके होते हैं। ये दर्दनाक, खुजलीदार हो सकते हैं और कभी-कभी इनमें दरार हो सकती है और खून भी आ सकता है। नाखूनों और पैर की उंगलियों का रंग बदल सकता है सोरायसिस के रोगियों के सिर पर स्कैल्प और धब्बे या पपड़ी बन सकती है। यह एक ऑटोइम्यून दिसऑर्डर है, लेकिन संक्रामक नहीं है। हालांकि इंफ्लेमेटरी रिएक्शन्स पीड़ित के भीतर ही शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।
Sapne mein Madhumakkhi dekhna सपने में मधुमक्खी देखना
क्या है वजह प्लॉक सोराइसिस के कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। कई विशेषज्ञ इसे आनुवांशिक कारणों के रूप में देखते है तो कुछ का मानना है कि प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से यह बीमारी हो सकती है।
सोरायसिस फाउंडेशन (एनपीएफ) की रिपोर्ट कहती है कि सोरायसिस से पीड़ित तीन में से एक व्यक्ति को गठिया भी हो सकता है, जो जोड़ों में और उसके आस-पास सूजन, जकड़न दर्द का कारण बनता है। उपचार भी जान लें: कैसे तो अभी तक सोरायसिस का कोई सटीक और कारगर उपचार नहीं आ सका है, लेकिन चिकित्सकों की सलाह पर कदम उठाए जा सकते हैं। त्वचा पर जहां लाल रंग के चकते हो, वहां आप कोई क्रीम लगा सकती है। फोटोथेरेपी का सहारा ले सकती है। नमक के पानी और एलोवे के साथ स्नान करती हैं। ऐसे में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है और इसके रोगियों को डेयरी प्रॉडक्ट, मांस आदि के सेवन से बचना चाहिए। उसे रोज संतुलित आहार लेना चाहिए।
सोरायसिस फाउंडेशन (एनपीएफ) की रिपोर्ट कहती है कि सोरायसिस से पीड़ित तीन में से एक व्यक्ति को गठिया भी हो सकता है, जो जोड़ों में और उसके आस-पास सूजन, जकड़न दर्द का कारण बनता है। उपचार भी जान लें: कैसे तो अभी तक सोरायसिस का कोई सटीक और कारगर उपचार नहीं आ सका है, लेकिन चिकित्सकों की सलाह पर
इससे राहत के लिए कुछ कारगर कदम उठाए जा सकते हैं। त्वचा पर जहां लाल रंग के चकते हो, वहां आप कोई क्रीम लगा सकती है। फोटोथेरेपी का सहारा ले सकती है। नमक के पानी और एलोवे के साथ स्नान करती हैं। ऐसे में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है और इसके रोगियों को डेयरी प्रॉडक्ट, मांस आदि के सेवन से बचना चाहिए। उसे रोज संतुलित आहार लेना चाहिए।
कुछ घरेलू इलाज भी त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, त्वचा पर मॉश्चराइजिंग लोशन का नियमित रूप से उपयोग करें। थोड़ी-सी भूप सेहत के लिए अच्छी होती है, क्योंकि इससे शरीर को प्राकृतिक विटामिन डी मिलता है, लेकिन कभी-कभी सनबर्न स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए भूप में बाहर जाने से पहले अपनी चा की उचित देखभाल करें। क्रीम जेल लोशन, शेपू और स्प्रे के रूप में उपलब्ध है। विशेषज्ञ की देखरेख में इनका उपयोग करें।
क्रीम और यूवी लाइट थेरैपी Uv Light For Skin Therapy
सोरायसिस त्वचा को एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इसलिए इसका कोई इलाज अभी तक ज्ञा नहीं है सूजन वाली त्वचा का एकमात्र उपचार संभव है, जो पलेयर-अप को रोकता है। सोरायसिस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए इलाज किया जा सकता है। इसे क्रीम और यूवी लाइट थेरेपी से ही करना और फिर एडवांस्ड साधनों पर जाना बेहतर होता है। चिकित्सक के परामर्श से ही इसमें कोई दवा सोरायसिस इम्यूनिटी प्रभावित होने के कारण होता है, इसलिए इसके जोखिम को रोकने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत करें।